निगम ले अनुमति लेके उंड्रीवॉल, वार्निंग शेड, प्रतीक्षालय, शौचालय, पेयजल के बेवस्था आदि के काम करवाइन
बिलासपुर। माता-पिता के याद ल चिरस्थाई बनाए बर एक व्यक्ति ह मुक्तिधाम के कायाकल्प म करीबन एक करोड़ रुपिया खर्च कर दिस, जिहां ले उमन दूनों ल अंतिम विदाई दे रहिस हे। उमन के कहिना हे के हर व्यक्ति ल एक दिन इहें ले जाना हे। जावइया स्वच्छ स्थान ले जाही। इही सोच के उमन इहां के तस्वीर बदलके रख दीस हे।
बिलासपुर के विद्यानगर निवासी रामअवतार अग्रवाल ह बातचीत म बताइस के उंखर पिता जगमोहन दास अग्रवाल के मृत्यु 20 बरस पहिली ले होगिस हे। कोनो दू साल पहिली उंखर मां विमला अग्रवाल ह अंतिम सांस लींस। दूनों के अंतिम यात्रा सरकंडा मुक्तिधाम बर निकाले गिस। इहीं दउरान उमन मुक्तिधाम के अबेवस्था देखिन। उंखर मन म म तभे ए बात आइस के एक दिन ए जगा ल संवार बोन। उंखर जेहन म ए घलो बात रहिस हे के आखिरी वक्त म भगवान के तीर जावइया व्यक्ति कम ले कम स्वच्छ स्थान ले रुख़सत करय। इही सोचके उमन सरकंडा मुक्तिधाम के जीर्णोंद्धार कराइन हे। एक के बाद नवां काम करवात चले गिन। गार्डन अउ पानी के समुचित बेवस्था होइस। लोगन ल बइठे बर चबूतरा बनाइस। लैंडस्केपिंग समेत अन्य काम कराए गेहे।
जीवन भर बर लिस गोद… मेंटेनेंस घलो कराही
रामअवतार अग्रवाल ह निगम ले अनुमति लेके इहां बाउंड्रीवॉल, वार्निंग शेड, प्रतीक्षालय, शउचालय, पेयजल के बेवस्था, पेविंग फुटपाथ, गार्डन, विद्युतीकरन आदि के काम करवाए हे। इहां सीसीटीवी कैमरा घलो लगवाए गेहे। उमन इहां सफाई अउ अन्य सुविधा के खुद मॉनिटरिंग करथे।
कफन-दफन म असहाय परिजन मन ल मदद
कफन दफन म मदद करे बर जगमोहन अग्रवाल सेवा समिति के स्थापना करिस हे। एखर बर मुक्तिधाम के दीवार म जगमोहन अग्रवाल सेवा समिति के नाम के बोर्ड लगाय गेहे। इहां दू मोबाइल नंबर देय गेहे। एमा श्रवण श्रीवास्तव 9303333213 अउ विजय भारद्वाज 9174532339 के नंबर अंकित हे। कोनो भी सख्स जे परिजन मन के कफन दफन म असहाय हे। वो ह ए नंबर म कॉल कर निःसुल्क सेवा प्राप्त कर सकत हे।
समाज हित म उठाइस नेक कदम… रामवतार अग्रवाल ह
जेमन माता-पिता के याद ल चिरस्थाई रखे बर समाज हित म उठाइस नेक कदम, खुद के पइसा ले 12 असहाय लोगन के कफन-दफन करवाइस। मंदिर, प्रतीक्षालय, मुंडन कक्ष, कैमरा लगवाइस , झूला अउ दूसर निरमान काम अभी की हे। इहां 12 लोग न के टीम हर रोज सफाइ करथे।
00 समाज हित म काम करना हर व्यक्ति के धरम हे। मैं घलो ए धरम के पालन करत हव। मुक्तिधाम म करीबन एक करोड़ रु. खर्च होए हे। एमा विभिन्न काम सामिल हे। एखर देखरेख बर 12 लोग के टीम लगाए गेहे। ए सेवा कर के मैं अपन सउभाग्य मानत हव। पत्नी आशा अग्रवाल ले घलो हर संभव मदद मिलत रहिथे।