भारत के एक अईसे जेल जिहां रहिथे सिरिफ एक कैदी.. फेसलिटी अईसे की सुनके दंग रहि जहू आप मन…
472 साल जुन्ना हे ए जेल ह.. एक कैदी बर सरकार उठाथे हजारों रुपिया के खरचा
जय जोहार. जेल एक अईसन जगह हरे जेखर नाव सुनत मनखे के कंपकंपी छूट जाथे। फेर हमन आज आप मन ल अईसन जेल म ले जात हन जेन ह भारत के सबले पुराना जेल हरे। खास बात ऐ हरे के ऐ जेल म ऐके झन कैदी बंद हाबे। ऐ जेल ह कभू पुर्तगाल के एक कॉलोनी रहे केन्द्र शासित प्रदेश दमन दीव म हाबे। एखर खास बात ऐ हरे के भारत के सबले पुराना जेल हरे। जेन दीप म ऐ जेल मउजूद हे ओला दीव के नाव ले जाने जाथे। ऐ दीव के खूसबसूरती ह मनखे के आंखी ल चौंधिया देथे। बता देन के ऐ जेल ल बने 472 साल हो गे हे। पीछू के बेरा म पुर्तगाल मन के ऐ दीप म शासन रिहिस। उही बेरा म ऐखर निर्माण करे गे रिहिस।
आप मन ल बता देन कि ऐ जेल म सिरिफ ऐके झन कैदी बंद हे जेखर नाव दीपक कांजी हे अऊ जेखर उमर 30 साल के हे। ऐ जेल म 20 लोगमन मन के रेहे बर सेल बने हुए हे जेमा सिरिफ अभी दीपक ह रहिथे।ऐ जेल म दूसर जेल ले अलग फैसलिटी दे गे हे। बता देन कि इहां दीपक ल दूरदर्शन देखे अऊ आध्यात्मिक मैगज़ीन पढ़े के संगे संग गुजराती अखबार पढ़े ल दे जाथे। उंहें 6 बजे तक के बीच वो ह दू सिपाही संग खुला हवा म टहल घलो सकथे। खाए बर घलो सुग्धर बेवस्था करे जाथे।