ऐ दरी माटी म पसीना बोहईया किसान मन के अस्तित्व अऊ अस्मिता ल झकझोरत हे विधानसभा चुनाव 2018
झबेंन्द्र भूषण | महासचिव, प्रगतिशील किसान संगठन |
लोकतंत्र म चुनाव ह कोनों नवा बात नोहे। बछर-बछर म चुनावी तिहार मनाए के मऊका लोगन ल इंहां मिलत रहिथे। हर बार एक अलग उत्साह होथे, हर कोई अपन लाभ चुनाव म ढूंढत रहिथे। खैर ऐ त रिहिस हमर सुग्धर लोकतंत्र के सुग्धर बात। अब बात करथन ऐ दरी के चुनाव यानि महासमर 2018 के। ऐ चुनाव ह कई माइने में आज तक होवईया जतेक विधानसभा चुनाव होए हे ओखर ले बिल्कुल अलग हाबे। मतदाता मन के खामोशी ल पढ़ पाए म राजनीतिक दल के खुफिया तंत्र के संगे-संग राजनीति के जानकार मन घलो मुश्किल म पड़ गे हे। बितईया पांच साल म बेरा के चक्का ह अईसे घुमे हे कि घोषणा पत्र जेन कभू चुनाव म आकर्षण के केन्द्र नई रिहिस आज उही घोषणा पत्र हर वर्ग के लोगन बर एक संभावना तलाश के रद्दा बन गे हे।
कानूनी रूप ले देखे जाए त सत्ताधारी दल चुनाव जीते के बाद घोषणा पत्र ल लागुच कर दिहि अईसन कोई बाध्यता नई हे। फेर जनता ले निकले आक्रोश के सामना करे बर सरकार ल मुश्किल हो जाथे। भारतीय जनता पार्टी ह आज ईही आक्रोश के सामना करत हे। वहू म प्रदेस के किसान मन म के आक्रोश ह सबसे बड़े मुद्दा बनके सामने आवत हे। विधानसभा अऊ लोकसभा चुनाव म भाजपा ह किसान मन ल सपना दिखाए म कोनों कसर नई छोड़े रिहिस फेर कतेक वादा ल भाजपा निभाईस ऐखर लेखा-जोखा प्रदेश के माटीपुत्र म अपन अंतस म संभाल ले हे। प्रदेश म लगातार किसान आंदोलित होत रेहे हे अऊ सरकार के किरकिरी घलो करत हे। सत्ता तंत्र तरह-तरह के आंकड़ा ल लोगन मन के आगू रख के ऐ साबित करे म लगे हे कि किसान मनखे के जिनगी आज बेहतर हे। अऊ आज हालात ऐ हे कि विकास के दुहाई देत नई थकईया मन ल एक-एक वोट बर पसीना बहाए बर पड़त हे।
राज्य म घलो चुनाव के केन्द्र म आज किसान ही नजर आवत हे। प्रदेश के माटी म पसीना बोहईया मनखे मन ह तय करही कि सत्ता के बागडोर कोन ल देवन। जम्मो प्रमुख दल के घोषणा पत्र म घलो किसान पर चिंता दिखत हे। राज्य के प्रमुख दूनों दल भाजपा अऊ कांग्रेस के घोषणा पत्र सरकार चलाए के विजन हरे त ऐ बात साफ हे कि भाजपा मेर किसान मन बर कुछु नई हे अऊ कांग्रेस ह जईसे किसान मनखे मन बर अपन पिटारा खोल दे हे। अभी वर्तमान म चलत योजना मन ल आगू चले के कोनों गारंटी तक भाजपा के संकल्प पत्र म नई हे। ऐखर ले सवाल ऐ उठथे कि का भाजपा मन के बईठे हे कि राज्य के किसान मन के कोई समस्या ही नई हे। यदि सरकार बना लेने के अतिविश्वास, फेर कुछु दे बर झन लागे?
अब बात करबो कांग्रेस पार्टी के जेन ह अपन घोषणा पत्र म ऋण माफी ले लेके जम्मो मुद्दा ल शामिल करे हे जेन ल किसान ह वाकई म हासिल करना चाहत हे। धान के समर्थन मूल्य म स्वामिनाथन आयोग के सिफारिश के बराबर पईसा दे के जिक्र हाबे। अईसे म कह सके जात हे कि कांग्रेस ह किसान ल केन्द्र बिन्दु रख के किसान म दांव लगा के ऐ चुनाव ल लड़त हे। अब गेंद ह किसान मन के पाला म हे। जात-पात, धर्म-सम्प्रदाय ले उपर उठके सोचे के बेरा आ गे हे। किसान के अस्तित्व दांव म लगे हे। कांग्रेस के जीत ले संदेश 2019 लोकसभा चुनाव म घलो जाहि कि किसान मन के मुद्दा ल आज तक नकरईया मन ओमन ल रिझावत नजर आहि। सरकार अपन पूरा खजाना किसान मन बर खोल दिही। फेर कांग्रेस हारही त किसान मन बर सबो दरवाजा बंद हो जाहि। कोनों किसान बर दांव लगईया नई मिले।
नोट- ऐ विचार ह लेखक के अपन खुद के विचार ऐ, ऐमा जय जोहार मीडिया के कोनों विचार सम्मिलित नई हे।