काखरो पूरा होवत हे घर के सपना, त कोनो बिसा लिस मोटर साइकिल
गोबर बेच पईसा पाके कतको के सपना होवत हे साकार
कहे जाथे न घुरवा के दिन घलो बहुरथे अऊ आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुघ्घर सोच के परिणाम हे कि जेन बुता ल कोनों जमाना म पिछड़ा कहे जात रिहिस ओ हा छत्तीसगढ़ के पहचान बन गे हे। कोनो मनखे नइ सोचे रिहिस होही कि एक दिन अइसन घलोक आही, जेन बखत गाय के गोबर घलोक ह लोगन मन बर कमई के साधन बन जाही। फेर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह अइसन रद्दा देखा दिस कि गरीबहा मन के सपना ह पूरा होवत हे। जेन गोबर ह परे-परे सुखा जत रिहिस हे, जउन गोबर ल कोनो चेत नइ करत रिहिस। छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ह उही गोबर ल अब अपन राज्य के मनखे मन बर आय के साधन बना दे हावय।
छत्तीसगढ़ म जबले गोधन न्याय योजना लागू होय हे तब ले दू पईत रोटी बर रोवइया मनखे मन ह अब अपन मन के खावत हे। पहिरत हे, घुमत हे अउ खर्चा करे बर ओमन ल सोचे बर नइ परत हे। काबर कि ए योजना ह अइसन गरीबहा मन बर वरदान बनगे हावय। पहिली गाय के गोबर ले कुछु फायदा नइ मिलत नई रिहिस। एक बेरा अईसे घलो आए लागिस कि गांव ले घुरवा नंदावत रिहिस अऊ गोबर के कोनों ठीर-ठुहा नई रिहिस। फेल अब गोबर ले अईसन-अईसन उदिम करे जात हे जेन ल देखके लोगन मन सोच म पड़ गे हे। अब के बेरा म गोबन बिनइया मन घलोक रोज 100 रुपया ले जादा कमावत हे। अउ जेखर मन तिरन गाय-गरू तेखर मन के रोज के कमई ह 500 ले 1000 रुपिया तक पहुंचगे हावय।
भुईयां बिसाए के सपना होईस पूरा
गोबर ले जेखर बदलत हे तकदीर वईसने एक छत्तीसगढ़िया हे चरवाहा मोहित राम यादव। जेन ह गांव म गाय-गरुवा चराए के बुता करथे अऊ उही ले ओखर घर-परिवार चलत रिहिस। फेर जब छत्तीसगढ़ म गोधन न्याव योजना लागू होइस, त एखरो दिन बहुरगे। मोहित ह गाय-गरुवा मन ल चराय बर लेगय, अउ ओखर गोबर ल जमा करत जाय। जेन ल बेचे के बाद ले ओखर तिरन अपन बर भुइयां बिसाय के लइक पइसा जमा होगे। मोहित ह खुदे बताथे कि दू बछर पहिली ओहर गोबर ल थोप के छेना बनावय, अउ ओला घर के चुल्हा जलाय बर उपयोग म लावय। थोर बहुत ल बेच के जतका पइसा आवत रिहिस, ओखर ले कोनो फायदा नइ होवत रिहिस। फेर जबले गोधन न्याव योजना म गोबर ल बेचे के बुता करिस तब ले ओखर तिरन पइसा जमा होय लगिस। अइसन करत वो ह एक लाख रुपया जमा कर डरिस। ओखर कहना हावय कि हमर असन रोजी-मजुरी करइया मन के अतका बड़ भाग नइये कि भुइंया बिसा सकतेन फेर ये योजना आय के बाद हे, हमर जइसन मनखे मन के भाग ह बदल गे हावय।
मोहित ह बतइस कि पोटियाडीह म गौठान बने के बाद ले ओहा रोज 50 किलो तक गोबर बेचत हे। एखर ले ओला 100 रुपया ले ज्यादा कमई होवत रिहिस। अइसन करत मोहित ह 550 किलो गोबर बेच डरिस अउ ओखर ले 1 लाख 10 हजार रुपया जोड़ डरिस। उही पइसा ले मोहित ह गांव म 14 डिसमिल भुंइया बिसाय हावय। अउ ओखर रजिस्ट्री घलोक करा डरे हावय।
गोबर के पईसा ले आलोक बनही डॉक्टर
भूपेश सरकार के गोधन न्याय योजना प्रदेश के कतको झन के सपना ल साकार करत हे। गोबर ल बेचकर मिले पईसा म मइनखे मन अपन सपना ल पूरा करत हे। कोने घर बनात हे, तो कोने अपन गोसईन बर सोना खरीदत हे। प्रदेश के मनेंद्रगढ़ चिरमिरी-भरतपुर जिला के रहवईया आलोक सिंह के सपन घलोक गोबर के पईसा म साकार होवत हे। 12 वीं कक्षा के पढ़ई करे के बाद आलोक ह डाक्टर बने के सपना देखिस। तेखर बर नीट के तैयारी करे बर कोचिंग म जाना रहिस। घर के सियान मन आपस म गोठियात रिहिस की आलोक ल नीट बर भेजना हे, फेर पईसा कहां ले आही। ओतके बेर ओखर बैंक म गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचे के पईसा आइस। फेर का ओखर ददा ह गोबर से मिले पईसा म आलोक ल कोचिंग बर जयपुर भेज दिस। नीट म पास होए के बाद अब आलोक ह कांकेर मेडिकल कालेज म डाक्टरी के पढ़ई करत हे।
छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ल जईसे पता चलिस की आलोक के मेडिकल म चयन हो गे हे वईसने ओमन आलोक के माता-पिता ल फोन करके बधाई दिस। आलोक के पिता संतोष ह कहिथे कि गोधन न्याय योजना हमर जईसे परिवार मन बर वरदान ले कम नई हे। राज्य सरकार के ए योजना ले हमर सपना ह साकार होवत हे। संतोष ह बताईस कि आलोक के फीस ल घलोक गोबर के पईसा म भरे हावव। ओखर पास 40 मवेशी हे। योजना के सुरू होए के संग म वो हा गोबर बेचत हे। अब तक तीन लाख 25 हजार रुपिया के गोबर ल बेच डरे हो। आलोक ह 12 वीं ल पास करिस फेर ओला डाक्टरी पढ़ना रहिस। ओला कोचिंग बर जयपुर भेजेव। जयपुर जाए बर गोबर के पईसा काम आइस। आज मोर लइका डाक्टरी पढ़त हे, मोला ऐ बात ले बड़ खुसी होवत हे।
गोबर के पईसा ले बिसा लिस मोटर साइकिल
अब के बेरा म मोटर साइकिल ह कोनो बड़का गोठ नइ रइगे। फेर जेन मन तिरन अपन घर-परिवार ल पाले-पोसे के बोझा होथे, तेखर मन बर साइकिल बिसाना घलोक कठिन बात हो जथे। गो धन न्याय योजना के आय ले अब जम्मो झन बर बड़का काम घलोक ह बड़ असान होगे हावय। जइसन बुता करके मोहित राम यादव ह अपन लइका मन बर 14 डिसमिल भुइंया बिसा डरिस, वइसनहे गजानंद ह घलोक मोटर साइकिल बिसाके अपन सपना ल पूरा करे हावय।
पामगढ़ विकासखंड के कोसीर ग्राम पंचायत के गजानंद ह गोधन न्याय योजना के फायदा ल जाने के बाद ओखर बर मेहनत करिस अउ 1 लाख 10 हजार रुपया कमा डरिस। तेखर ले गजानंद ह एक ठन मोटर साइकिल बिसाय हावय। त अब ओखर जिनगी ह पहिली अउ जादा सुघ्घर होगे हावय।
गजानंद ह बताथे कि ओखर तिरन गाय-गरुवा हावय अउ ओहर दूध बेचके अपन अउ परिवार के जिनगी चलावत रिहिस। दूध, दही अउ घी ल बेचे ले ओखर आमदनी अतका हो जात रिहिस कि अपन घर-दुआर ल बने असन चला लेत रिहिस। फेर सऊख ल पूरा करे बर ओला बड़ सोचे बर पड़य। दूरिहा के मारे दूसर जगा दूध बेचे बर घलोक नइ जा पावत रिहिस।
इही बेरा गोधन न्याय योजना ह ओखर बर वरदान बनगे। घर म जतका गोबर होवय, तेन ल गौठान म जाके ओहर बेचत गिस। ओखर ले होवइया आमदनी ल बचा के ओहर 1 लाख ले जादा पइसा जोर डरिस, तेखर बाद म अपन बर एक ठन मोटर साइकिल बिसाके लइस।
अतेकेच नई गजानंद ह अब अपन डेरी के काम ल घलोक बढ़ा डरे हावय, अउ रोज 120 लीटर तक दूध बेचत हे। ओखर ले 90 हजार रुपया महीना ओखर कमई होवत हे। तेखर ले गाय-गरुवा मन बर दाना, पैरा लाथे, अपन संग मजदूर मन के घर घलोक चलावत हे, अउ अपन बर 25 हजार ले जादा के बचत हर महीना करत हे। त दूसर डाहर साग-भाजी के बुता घलोक ल चालु कर दे हावय।