
महतारी बहादुर कलारिन: नियाव बर करिन सबले बड़े तियाग
छग सरकार देथे बहादुर कलारिन सम्मान
- त्रिभुवन लाल साहू, बोड़सरा जाँजगीर (छत्तीसगढ़)
छत्तीसगढ़ के माटी ह बहादुर मन के कहिनी ले भराय हे। फेर का आपमन सुने हा वो महतारी के गाथा, जऊन माइलोगिन मन के लाज बचाय बर अपन खुदे के लइका ला कठोर सजा दे दिन। ए कहिनी आय महतारी बहादुर कलारिन के, जेला आजो देवी कस पूजे जाथे। उनकर वीरता, मया, धोखा अउ नियाव के ए कथा आपमन ल हिला के रख दिही।
- कोन रहिन महतारी बहादुर कलारिन?
कलार समाज के ए वीरंगना के असली नाव कलावती रहय। जभे कलचुरी राज खतम होवत रहय, त जम्मो गाव के मनखे अपन काम बुता बर दूसर ठउर जात रहिन। उहीच म गौटिया सुबेलाल कलार, जऊन दारु बेचय, वो घलो अपन जिनगी गढ़त रहय। उनकर भतीजीन कलावती सुरू ले संग रहय अउ लाठी, तलवार, कटार चलाय म माहिर हो गय रहय। सुंदरी रहिस फेर ओहर अपन पराक्रम म जादा नाव कमाइस।राजकुमार मन मोहे बर घलो भेस बलद बलद के घलौक आवत रहिन, फेर कलावती के सुआभिमान ला नइ झुकाय सकिन।कइ राजा अउ राजकुमार दारु लेहे के बहाना बनाके कलावती ल देखे बर आवय। कोनो भेस बलदय,त कोनो बिहाव बर गोठ करय, फेर कलावती सुआभिमानी अउ आत्मनिरभर रहिन। वो अपन बल अउ बुद्धि ले सब्बोमन ला झुका दिन।
- मया म भठाइस त बलदा के अंगरा
बेरा बलदे लगिस,अउ कलावती ला एक राजा करा मया होगे। बिहाव घलाव होइस, अउ एक ठन टुरा जनम लिस। फेर कहिनी म मोड़ तभे आइस, जभे राजा कलावती ला मया म भठादिन अउ छोड़ के चल दिस। कलावती ल भठाय रहिंन तेहर उनकर मन के पीरा अउ उनकर टुरा के मन म बलदा के आगी भर दिस।
- उनकर बेटा के बलदा के आगी,समाज बर बनिस खतरा
राजा मन ले बलदा लेहे बर कलावती के बेटा एक नवा तरीका लाअपनाइस। ओहर राजकुमारी मन ले बिहाव करतिस अउ फेर ओमन ल छोड़ देतिस । धीरे बानी उनकर ए बरताव समाज बर खतरा बने लगिस। जऊन माइलोगिन के लाज बचाय बर महतारी बहादुर कलारिन संघर्ष करिस, उही लाज के उनकर बेटा गइया गति एक कर दिस।
- महतारी ला लेना पड़िस कठोर निरनय
कलावती जभे अपन बेटा के गलत बुता के बारे म सुनीस, त उला सजा दे बर ठान दारिस। गाँव म बेटा के पानी कांजी तक ल बंद कर दिस। पियास ले तड़पत बेटा जभे कुँआ करा पहुचिस, त महतारी कलावत उला कुआ म धकेल दिस अउ खुदे घलो कूदके अपन जिनगी ला तियाग दिस।ए इतिहास के सबले कठोर फेर नियाय ले भरे घटना रहिस। महतारी बहादुर कलारिन माइलोगिन के लाज रखे बर अपने लइका तक ला नइ छोड़िन।
आज घलो महतारी बहादुर कलारिन के गाथा छत्तीसगढ़ के माटी म जिंदा हेबय।छत्तीसगढ़ के बालोद जिला ले 26 किलोमीटर दूरिहा चिरचारी अउ सोरर गाँव के सिवाना म महतारी बहादुर कलारिन के स्मारक अउ मंदिर हेबय। पूरा छत्तीसगढ़ म उनला एक देवी के रूप म पूजा करथे।ओहर सिरतोन म वीरंगना रहिन। मया म भठिन अउ सहिन, संघर्ष करिन,अउ जभे उनकर लइका माइलोगिन के लाज ला धुसराय लगिस, त कठोर नियाव करिन।आजो उनकर गाथा ह छत्तीसगढ़ के लोककथा मं जिंदा हे।