ऐ दरी माटी म पसीना बोहईया किसान मन के अस्तित्व अऊ अस्मिता ल झकझोरत हे विधानसभा चुनाव 2018
झबेंन्द्र भूषण महासचिव, प्रगतिशील किसान संगठन लोकतंत्र म चुनाव ह कोनों नवा बात नोहे। बछर-बछर म चुनावी तिहार मनाए के मऊका लोगन ल इंहां मिलत रहिथे। हर बार एक अलग उत्साह होथे, हर कोई अपन लाभ चुनाव म ढूंढत रहिथे। खैर ऐ त रिहिस हमर सुग्धर लोकतंत्र के सुग्धर बात। अब बात करथन ऐ दरी […]
छत्तीसगढ़ी भाखा ले स्कूल मन म नइ होवत हे पढ़ाई
सुधा वर्मा छत्तीसगढ़ राज्य ल बने 18 बछर होगे हे पर अभु तक छत्तीसगढ़ी भाखा स्कूल मन म नइ पहुंच पाइस हे। ये सरकार के कमजोरी हे। अइसे कउन प्रांत हे जिहां उहां के भाखा म पढ़ाई नइ करे जात हे? जे भाखा के व्याकरन 1885 म हिंदी ले पहिली ले लिखे गेहे, ओला बोली […]
छत्तीसगढ़ी भाखा ले स्कूल मन म नइ होवत हे पढ़ाई
सुधा वर्मा छत्तीसगढ़ राज्य ल बने 18 बछर होगे हे पर अभु तक छत्तीसगढ़ी भाखा स्कूल मन म नइ पहुंच पाइस हे। ये सरकार के कमजोरी हे। अइसे कउन प्रांत हे जिहां उहां के भाखा म पढ़ाई नइ करे जात हे? जे भाखा के व्याकरन 1885 म हिंदी ले पहिली ले लिखे गेहे, ओला बोली […]
जयचंद नई रतिस त रईपुर के इतिहास ह कुछु अऊ होतिस.. पढ़व आजादी आंदोलन के काला इतिहास के कहानी…
आशीष सिंह हमर देश के स्वतंत्रता संग्राम के पन्ना म आंदोलनकारी, सेनानी के त्याग, तपस्या अऊ बलिदान के गाथा ह जतेक दमकत आखर म अंकित हे वईसनेच स्याह आखर म गद्दार मन के कुटिलता घलो लिखे गे हे। हर जुग म पृथ्वीराज चौहान ल जयचंद ले धोखा मिलत आहे। आज 15 जुलाई हे अऊ […]
सीखव जिनगी के पहाड़ ल कईसे पार करे जाथे…नंदिया कस आगू बढ़व
नंदिया के एक सबले बड़े गुन होथे, वोला कतकों रोक ले, छेंक ले, मूंद ले, तोप ले फेर हर बंधन ल टोर के वो आगू बढ़ जाथे। बड़े-बड़े डोंगरी पहार आथे, पखरा अउ पटपर आथे वो जम्मो जगा ले अपन निकले के रद्दा निकाल लेथे। हम सबके जिनगी ल घलो अइसने होना चाही। कोनों कतकों […]
जोहार इहां के मूल संस्कृति के एक भावात्मक रूप आय, जइसे के ठेठरी-खुरमी आय..
छत्तीसगढ के मैदानी भाग म प्रचलित संस्कृति म वइसे तो किसम-किसम के रोटी-पिठा बनाए जाथे, फेर ठेठरी अउ खुरमी के अपन अलगेच महत्व हे। इहां के जम्मो तीज-तिहार म इंकर कोनो न कोनो रूप म उपयोग होबेच करथे। एकर असल कारन का आय? सिरिफ खाए-पीए के सुवाद के अउ कुछू बात? असल म ए इहां […]
काबर बाहरी लोगन के पिछलग्गू बने ले हम बांचे नइ पावत हन.. ?
शोषण के बहुत अकन रूप होथे। हमन छत्तीसगढ राज आन्दोलन संग जुड़े राहन त राजनीतिक शोषण के बात करन। आने-आने राज ले आए लोगन हमर शासन-प्रसाशन के अधिकार म बइठगे हवंय अउ हमर अस्तित्व के, हमर चिन्हारी के संहार करत हें, हमर मुंह के कौंरा ल नंगावत हें। तब ये सपना देखे गे रिहिसे के […]