‘पौधा तुहर द्वार‘: वन मंत्री अकबर ने हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना
छत्तीसगढ़ में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ की योजना के तहत राज्यभर में पौध वितरण का कार्य जारी है। इस तारतम्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज शाम राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वन विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए ‘‘पौधा तुहर द्वार‘‘ योजना के तहत रायपुर नगर निगम अंतर्गत घर तक निःशुल्क पौधा पहुंचाकर दिया जाएगा। इस दौरान विभाग द्वारा गेड़ी का भी वितरण किया गया।
गौरतलब है कि यह योजना लगभग डेढ़ माह तक चलेगी, जिसमें आंवला, करंज, नीम, गुलमोहर, जामुन, मुनगा, कचनार, अमरूद, सीताफल, पेल्टाफार्म, नींबू, बादाम आदि प्रजाति के पौधों को आम जनों को मांग अनुसार उपलब्ध पौधों को घर दुकान आफिस फैक्ट्री आदि में उपयुक्त स्थल पर पहुंचाकर वृक्षारोपण करने हेतु निःशुल्क पौधा प्रदाय किया जायेगा। इस योजना का लाभ लेने हेतु आम जनों को वन विभाग के कार्यालय तक आने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी क्योंकि वन विभाग से पौधे प्राप्त करने हेतु आम जन वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना हेतु सचालित व्हाटसएप नम्बर 7587017614 पर सम्पर्क कर सकते है। संपर्क करने पर विभाग द्वारा 2-3 दिवस के भीतर संबंधित को पौधा प्रदाय कर दिया जायेगा। इस योजना के तहत एक व्यक्ति एक बार में ज्यादा से ज्यादा 5 पौधें मांग कर सकते है।
विगत वर्ष में ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना के तहत 92 स्थलों में 2164 हितग्राहियों को 10207 पौधे जाम आंवला, नींबू, सीताफल, कटहल, बेल, जामुन, नीम, कचनार, गुलमोहर एवं मुनगा आदि पौधों का वितरण किया गया था एवं मनरेगा योजना अंतर्गत शासकीय/अर्ध शासकीय, नगर निगम, शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य हितग्राहियों को 571974 पौधों का भी निःशुल्क वितरण किया गया था। मनरेगा योजना अंतर्गत इस वर्ष 29 भी शासकीय/अर्थ शासकीय, शिक्षण संस्था अन्य हितग्राहियों को कुल 135965 पौधों मांग अनुसार निःशुल्क वितरण किया गया है। इस योज तहत वन विभाग द्वारा रायपुर नगर निगम क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु आम जनों को पौधा उपलब्ध कराकर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करना है।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी श्रीनिवास राव, मुख्य वन संरक्षक दिलराज प्रभाकर, वन मण्डलाधिकारी रायपुर विश्वेश कुमार आदि उपस्थित थे।