
पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर हमला – किसानों, शिक्षा और रोजगार को लेकर उठाए सवाल
बिलासपुर दौरे पर पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ किसानों को हतोत्साहित कर रही है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था, बिजली, रोजगार और पलायन जैसे गंभीर मुद्दों पर भी पूरी तरह विफल है।
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार धान खरीदी से बचने के लिए किसानों को निराश कर रही है। उन्होंने कहा कि धान की नीलामी में जानबूझकर देरी की जा रही है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 500 से 600 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। यह पूरी तरह से किसान विरोधी सोच को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा कि बिजली कटौती, रोजगार की कमी और युवाओं का पलायन लगातार बढ़ता जा रहा है। बघेल के मुताबिक, बस्तर क्षेत्र के 30 से 40 हजार युवा रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हुए हैं और वहां उन्हें डर के माहौल में काम करना पड़ रहा है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बघेल ने कहा कि 16 जून से स्कूल खुलने वाले हैं, लेकिन सरकार स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने में लगी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“यह सरकार शालाएं बंद कर रही है और मधुशालाएं खोल रही है।”
भूपेश बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि महतारी वंदन योजना से 70 हजार नाम हटा दिए गए हैं, और सरकार आदिवासी युवाओं को जेल भेज रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नक्सली घटनाओं की जानकारी आम जनता और मीडिया से क्यों छिपाई जा रही है। साथ ही उन्होंने पूछा कि झीरम कांड के आरोपियों को जेल भेजने का प्रधानमंत्री का वादा अब कहां गया?
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है।