मेरी कहानी मेरी जुबानी :मरीज राधेराम और सरोज को टीबी से मिली मुक्ति
कांकेर। ’विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अंतर्गत जिले के नरहरपुर विकासखंड के गांव धनोरा में बुधवार 20 दिसम्बर को मोबाइल वैन पहुंची जहां पर शिविर आयोजित कर ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी दी गई। इस अवसर पर ’मेरी कहानी मेरी ज़ुबानी’ के तहत ग्राम- धनोरा के ग्रामीण श्री राधेराम नेताम ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि उन्हें कुछ माह पहले दो से तीन हफ्तों तक खांसी की शिकायत थी। फिर वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सारवंडी में खांसी का इलाज कराने के लिए पहुंचे, जहां जांच के बाद चिकित्सक ने बताया कि उन्हें टीबी की बीमारी है। श्री नेताम ने बताया कि यह जानकर वह काफी भयभीत हो गए थे, फिर चिकित्सक ने उन्हें समझाइश देते हुए कहा कि यह बीमारी लाइलाज नहीं है और नियमित दवाई के सेवन से वे पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। इस तरह छह महीने तक डॉट्स सहित कुछ अन्य दवाइयां लीं, आज वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसी प्रकार भानुप्रतापपुर विकासखंड के गांव संबलपुर में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा के शिविर में सुश्री सरोज प्रजापति ने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि कई दिनों से खांसी होने के बाद उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराई, जहां उन्हें टीबी रोग से ग्रसित होने के बारे में पता चला। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भानुप्रतापपुर के चिकित्सक की सलाह पर वह छह माह तक नियमित रूप से दवाइयां लीं, जिसके बाद उनकी बीमारी ठीक हो गई। इस तरह राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राधेराम और सुश्री सरोज की बीमारी का प्रभावी इलाज भारत सरकार के टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हुआ। दोनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संवेदनशीलता और मुफ्त इलाज की सुविधा के आभार व्यक्त किया।