भारतीय संस्कार अउ संवेदना ले ओतप्रोत काव्य संग्रह “सहस्त्र धारा” के होईस विमोचन
दुर्ग. मुंबई म रहवईया अऊ दुरुग म बढ़े कवयित्री रजनी साहू के काव्य संकलन “सहस्त्र धारा” के विमोचन करे गिस। समारोह अखिल भारतीय अग्निशिखा मुम्बई के तत्वावधान म दुर्ग स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभागृह म होईस। ए दौरान जम्मो मन ह ए काव्य संग्रह ल बहुत पसंद करिस।
समारोह के अध्यक्षता प्रसिद्ध लघु कथाकार उषा अग्रवाल ह करिन। एखर मुख्य अतिथि मुम्बई से पधारे अठन्नी वाले बाबू जी ले चर्चित अऊ अकादमी पुरस्कार प्राप्त युवा साहित्यकार कवि पवन तिवारी ह रिहिन। विशिष्ट अतिथि अग्निशिखा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका पांडे , सरला शर्मा अऊ वक्ता के रूप म दुर्ग जिला साहित्य समिति के अध्यक्ष अरुण निगम अऊ हरिभूमि के संपादक व लोककला एवं साहित्य समिति संस्था सिरजन इकाई के अध्यक्ष दीनदयाल साहू ह अपन विचार रखिन।
रजनी साहू ह अपन प्रथम पुस्तक के लोकार्पण ले भावुक होत कहिन कि में ह अपन अंतरमन के भाव ल शब्द में बसा दे हों अऊ अपन किताब में भर दे हों। ऐमा कतना कविताई हे में नई जानव। मोला ऐ बात के खुशी हे कि मोर पुस्तक के लोकार्पन मोर जन्म भूमि दुर्ग म मोर माता-पिता अऊ स्वजन मित्र मन के बीच होवत हे। इही ल में अपन सबले बड़े उपलब्धि मानथों। बाकी कविता ल आलोचक अऊ समीक्छक मन उपर छोड़थों।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पवन तिवारी ह कहिन कि रजनी के कविता म अतुकांत होत एक प्रवाह घलो हे। ऐखर जम्मो कविता म तत्सम शब्द मन के अनुपम प्रयोग होए के संगे-संग प्रगीतात्मकता घलो मउजूद हे। ऐखर कविता म भारतीय संस्कार, परम्परा ले जुड़े सूक्ष्म संवेदना के संग विद्रूपता उपर घलो जोरदार प्रहार हे। जेन ह एक सच्चा रचनाकार के पहचान होथे।
वरिष्ठ साहित्यकार ऊषा अग्रवाल ह कहिन कि रजनी के कविता म नवा बिंब हे। ओमन अपन कविता के माध्यम ले बड़े-बड़े विषय ल सरलता ले अपन कविता म पिरो दिस। अलका पांडेय ह कहिन कि रजनी साहू के कविता ह हमन ल थोड़किन ठहर के विचार करे के दिशा म प्रेरित करथे।
उन्हें दूसरा वक्ता मन घलो सहस्त्र धारा उपर अपन विचार रखिन। लोकार्पण समारोह के संचालन बस्तर पाती संपादक सनत कुमार जैन ह करिन। ऐ अऊसर म दाउ मंदराजी फिलिम के पोस्टर के विमोचन घलो होईस। कार्यक्रम के अंत म टीकाराम साहू ह आयोजन म आए जम्मो पहुना मन के आभार प्रकट करिन।