चित्रकोट महोत्सव: 24.72 लाख किसानों के खातों में 12 मार्च को भेजेंगे 13 हजार करोड़ रूपए: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। जगदलपुर से हैदराबाद और रायपुर की नियमित विमान सेवा 31 मार्च से आरंभ होगी। इससे विमान सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। बस्तर के समग्र विकास के लिए शासन हर संभव कदम उठायेगी। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के चित्रकोट में आयोजित चित्रकोट महोत्सव में कही। उन्होंने माँ दंतेश्वरी की पावन भूमि चित्रकोट में आयोजित चित्रकोट महोत्सव के शुभारंभ की बधाई के साथ अपने सम्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 14 साल से लगातार यह महोत्सव भव्य होता जा रहा है। मेरी शुभकामना है कि आने वाले समय में इस महोत्सव की भव्यता और बढ़े। चित्रकोट महोत्सव में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 340 जोड़ों की शादी हुई, मुख्यमंत्री ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया और नव दम्पत्तियों के सुखमय जीवन की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने महोत्सव में अबूझमाड़ के मलखम्ब में पारंगत बच्चों के प्रोत्साहन के लिए 2 लाख रूपए और स्थानीय निवासियों की मांग पर तीरथगढ़ महोत्सव के लिए 5 लाख रूपए और चित्रकोट का समुचित विकास करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने चित्रकोट में बस्तर संभाग के सभी जिलों के लिए 208 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक राशि के 643 विकास कार्यों की लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। इन कार्यों में 104 करोड़ 20 लाख 61 हजार की लागत से 177 विकास कार्यों का लोकार्पण और 104 करोड़ 11 लाख 65 हजार रुपए की लागत से 466 विकास कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तेंदुपत्ता को हमारे वनवासियों द्वारा हरा सोना कहा जाता है, अब हम इसे 5,500 रूपए प्रति मानक बोरा में खरीदेंगे। इसी तरह पुरानी व्यवस्था में चरण पादुका योजना, संग्राहक परिवार के बच्चों को स्कॉलरशिप योजना जारी रखेंगें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी भी लगातार सरगुजा और बस्तर की चिंता करते रहते हैं, यहां के विकास के बारे में पूछते रहते हैं। मुझे यहां पता चला कि पिछले 14 वर्षों से आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए सरकार की तरफ से 10 लाख रूपए मिलता था, हमारी सरकार ने इसे बढ़ाते हुए 15 लाख रूपए देने का निर्णय लिया है। इसी तरह से गोंचा पर्व के लिए जो 3 लाख रूपए मिलता था, उसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख रूपए और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के लिए मिलने वाले 35 लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रूपए देने का निर्णय लिया है।