
अब आर्थिक सशक्तिकरण के रद्दा मं पाराडोल के श्याम बाई
- जल जीवन मिशन देहे आत्मनिर्भरता
रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंसा अनुरूप, केंद्र अऊ राज्य सरकार के जम्मो उदिन के बड़ सुघ्घर क्रियान्वयन होत हे। ए क्रियान्वयन के संगे-संग आम जनता ला बेरा रहत लाभ पहुंचाए जात हे। अंतिम पंक्ति म खड़े मनखे मन ल घलो एखर लाभ मिल पाए ऐला घलो सुनिश्चित करे जात हे।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के विकासखंड मनेंद्रगढ़ के ग्राम पंचायत पाराडोल के एक साधारण गृहिणी श्याम बाई के कहानी.. अब बदलाव, आत्मनिर्भरता अऊ सामाजिक जागरूकता के मिसाल बन गे हे। जेन साधारण माई लोगिन श्याम बाई कभू पानी खातिर लंबा दूरी तय करत रिहिस आज ओ ह उपन सुघ्घर उदिम ले दूसर मन बर प्रेरणा के मिसाल बन गे हे।
पानी खातिर रोज संघर्ष
कई बरस ले जल संकट के मार ले जूझत श्याम बाई अपन परिवार के पालन-पोषण के संग-संग रोज बड़े-बिहनिया एक किलोमीटर दूरिहा ले पानी लावत रिहिस। गर्मी के दिन म कुआं सुखा जावत रिहिस, सार्वजनिक नल के दूरी घलो कोनों कम नई रिहिस, अऊ त अऊ दिन के आधा बेरा त सिरिफ पानी डोहारे म निकल जात रिहिस। अईसे म ओखर सेहत बर घलो ए बुता कोनों अच्छा नई कहे जा सकय। अपन सेहत ल दूर ओ हर अपन लइका मन ला घलो बेरा नई दे पात रिहि।
तब उम्मीद ल मिलिस पंख
श्याम बाई के जीवन तब बदलिस जब केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना “जल जीवन मिशन” के प्रभावशाली क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार कोती ले करे गिस। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मेहनत, ग्राम पंचायत के सक्रिय भूमिका अऊ स्थानीय जनप्रतिनिधि मन के सहयोग से पाराडोल गांव म घर-घर नल कनेक्शन पहुंचाए गिस। अब के बेरा म गांव के जम्मो घर म स्वच्छ, सुरक्षित अऊ पर्याप्त मात्रा म पीए बर पानी मिलत हे।
पानी ह बढ़ाईस श्याम बाई के आत्मविश्वास, आजीविका के बन गे साधन
ए बदलाव ह न सिरिफ श्याम बाई ल राहत दे हे, भलकुन ओमन ल आत्मनिर्भरता कोती घलो अग्रसर करे हे। पानी के चिंता मिटे के बाद श्याम बाई ह अपन खाली बेरा के सदुपयोग करत गांव के माई लोगिन मन संग मिलके एक स्व-सहायता समूह बनाईस। जेमा अचार, पापड़ अऊ दूसर घरेलू उत्पाद बनाके स्थानीय हाट-बाजार में बेचत हे। एखर ले उंखर आय के जरिया घलो बढ़े हे। संगे-संग आत्मविश्वास घलो बाढ़े ह अऊ अपन परिवार के पालन-पोसन बर आय म भागीदार घलो बने हे।
गांव म जल जीवन मिशन लागू होए के बाद उहां के जम्मो तस्वीर बदल गे हे। अब लईका मन ल स्कूल जाए के बेरा म साफ पानी मिलत हे, जेखर ले जल जनित बीमारी के रोकथाम होवत हे अऊ माई लोगिन मन के बेरा घलो बांचत हे। माई-लोगिन मन अब सिरिफ घर तक सीमित नई हे, भलकुन.. सामाजिक अऊ आर्थिक गतिविधि म घलो सशक्त भूमिका निभावत हे। घर म सहयोग ले उंखर मन के मान-सम्मान घलो बाढ़े ल लागे हे।
प्रधानमंत्री अऊ मुख्यमंत्री ल हिरदे ले देवत हे धन्यवाद
श्याम बाई ह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अऊ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ल ए उदिम बर धन्यवाद देत कहिथे, ए सिरिफ पानी नोहे, भलकुन एक सम्मान, आत्मविश्वास अऊ अवसर के सौगात आए। पहिली महन पानी डोहारे बर दूर जावत रेहेन फेर अब पानी हमर घर म आवत हे अऊ हम आत्मविश्वस के संग जिनगी जीयत हन।
शक्ति की प्रतीक बनीं श्याम बाई, जम्मो माई लोगिन बर संदेश
श्याम बाई के ए प्रेरक कहानी ए बात के परमान आए कि जब सरकारी योजना मन ईमानदारी ले भुईयां म उतरथे त न सिरिफ लोगन मन के जीवनशैली बदलथे, भलकुन समाज के तस्वीर घलो संवरथे। जल जीवन मिशन सिरिफ एक योजना नोहे, भलकुन करोड़ों परिवार मन के जिनगी म खुशहाली अऊ स्वाभिमान के नवा उक्ती आए। श्याम बाई आज सिरिफ एक नांव नोहे, भलकुन करोड़ों माई लोगिन मन के आवाज़ बन गे हे, जेन बछर-बछर जल संकट के सामना करत हे। उंखर कहानी बताथे कि जब सरकार, समाज अऊ तकनीक संघरके एख दिसा म बुता करथे त कोनों सपना अधूरा नई रह पाए।