
कलाकारी के जुनून ह गांव ल छोड़ा दिस अब शहर म बस गे अशोक नाग
दीपक बावनकर@जय जोहार. 1 जुलाई 1976 के जन्मे अशोक नाग ल कलाकारी विरासत में मिले हावे। अशोक के बाबूजी गांव के कार्यक्रम म हारमोनियम बजाए अऊ देखत-देखत अशोक नाग मंच म गम्मत करे बर उतर गे। इहें ले अशोक के शुरूआत घलो होईस। मन म कलाकारी के जुनून अतेक बाढ़ गे कि बस पकड़ के ओहा रायपुर आगे अऊ रायपुर के बनके रहिगे।
अशोक बताथे कि रूप रंग बने नई होए के कारण जम्मो ओखर कलाकारी ल देखे बिना ओला रिजेक्ट कर देत रिहिस, फेर एक दिन ओखर मुलाकात संजय मैथिल ले होगे। ओला गुरु मान के अशोक ह एक्टिंग सीखे ला लग गे। अपन गुरु संग उज्जैन, दिल्ली के संगे-संग मुंबई म कार्यक्रम करिन, जेला बहुत पसंद करेगीस।
धीरे-धीरे समय बीते ल लागिस। फेर एक बार अउ मौका मिलिस एक नाटक म काम करे के जेखर नाम रिहीस “लबरा नाऊ”। ए कार्यक्रम ले अशोक ला पहचान मिलीस। नाटक ला उड़िया, भोजपुरी, मराठी अऊ झारखंडी भाखा म घलो डबिंग करे गिस। फेर अशोक नाग ला सीमा कौशिक ह अपन एल्बम “बाली उमर” म मौका दिस।
धीरे-धीरे अशोक नाग ला फिल्म घलोक मिले ल शुरू हो गे। धरतीपुत्र, भांवर, मोर जोड़ीदार, नागार्जुन, सोनचिरैया अउ रंगरसिया जइसे फिलिम म हास्य अभिनेता के रोल करिस। जेखर ले छालीवुड म अशोक नाग ला अलग पहचान मिलीस। अशोक ह छालीवुड में सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता बने के सपना संजो के आज संघर्ष के दिन बीतात हे।