दुनिया म बगरही अब ढेकीं ले कुटे चउंर के महक, जशपुर म होवत हे सुघ्घर उदिम
जीराफूल चउंर के किसम होवत हे तियार.. पोस्टीकता ले भरपुर हे ए जिनिस
अब बेरा आ गे हे हमर पुरखौती कोती फेर लहुटे के जिहां पोस्टीकता ले भरपुर खानपान रिहिस… सुघ्घर जिनगी जिए के ठऊर रिहिस.. एखरे सती आज शहर मन म ओ जम्मो जिनिस के मांग ह बाढ़त हे जेन कभू ग्रामीण दिनचर्या म संघरे रिहिस। मिलेट के बाद अब शहर मन म ढेकी ले कुटे चउंर के मांग बाढ़त हे। काबर कि ढेकी ले कुटे चउंर म पोषक तत्व ह भरपूर मात्रा म रहिथे। अऊ ए उदिम म जुटे हे जशपुर जिला के बालाछापर गांव के माई लोगिन मन ह जेन ढेकी ले कुटके चउंर के सुंदर पैकेजिंग करत हे। जिला प्रशासन जशपुर के पहल ले महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क म एखर उत्पादन करे जात हे। महिला समूह ल घलो एखर ले रोजगार अऊ लाभ मिलत हे।
वईसे देखे जाए त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरलगहा अपन परंपरा म छिपे वैज्ञानिकता ल सहेजे के उदिम करत आत हे। हमर खानपान के कई परंपरा अईसे हे जेन ह स्वास्थ्य ल लेके जेन मन सजग हे अईसन मनखे मन के ध्यान ल अपन कोती खींच लेथे। अईसने ढेकी ले चउंर निकाले के हमर परंपरा ह सदियों ले चलत आत हे। एमा चउंर के पौस्टीकता ल बचाए रखे जा सकथे फेर चउंर के पॉलिश हो जाए ले ए जिनिस म विटामिन के मात्रा बड़ कम हो जथे। ढेकी के चउंर पौष्टिकता ले भरपूर होथे। बालाछापर रीपा म ढेकी ले चउंर बनाए के उदिम करे जात हे। संगे-संग एखर आकर्षक पैकेजिंग ह एला बाजार म स्थान देवत हे।
ढेकी ले कुटे चउंर म सबले जादा मांग जीरा फूल के हे। जशपुर जिला म जीराफूल चउंर के सबले जादा पैदावार होथे। सुगंधित किसम के चउंर होए ले एखर मांग दूसर राज्य मन म घलो रहिथे। एखरे सती एक मांग ह दूसर प्रदेश म घलो सरलगहा बढ़त जात हे। वैदिक वाटिका के समर्थ जैन ह बताईन कि बालाछापर के 13 माई लोगिन मन ल ढेकी ले चउंर कुटे के प्रशिक्षण दे जात हे। संग म ए चउंर के आकर्षक पैकिंग बर घलो ओमन ल प्रशिक्षित करे जात हे। सी-मार्ट के माध्यम ले एखर बिक्री करे जात हे।
ढेकी ले कुटे चउंर पोषण के दृष्टिकोण ले उत्तम माने जाथे। एखर संग चउंर के उपरी परत ह घलो सुरक्षित रहिथे। जेमा सबले ज्यादा विटामिन ई के मात्रा पाए जाथे। ए चउंर म बेहतर पोषक गुण अऊ 40 प्रतिशत ले जादा आयरन, 50 प्रतिशत ले जादा फाइबर मौजूद रहिथे। कुदरती तरीका ले निकाले के सती एखर शुद्धता के सती ए चउंर ल दूसर प्रदेश म पैकेजिंग के साथ भेजे के उदिम घलो करे जात हे।