बरसात के दिन म छत्तीसगढ़ के स्पेशल साग सब्जी
हमर छत्तीसगढ़ ह वन बाहुल्य राज्य आए, बरसात के दिन म एक घांव बारिस अऊ जमीन, जुन्ना पेड़ मन म आने आने प्रकार के मशरूम उगथे
का हे हरेली तिहार के वैज्ञानिक पक्ष.. इही ह हमर बर संकट मोचक हरे माने ल परही
गाँव के बइगा (पुजारी) गाँव भर के सबो देवी देवता ल सुमर गाँव के पूजा पाठ कर गाँव के सुख, शाँति, उन्नति अउ सपन्नता के कामना अउ प्रार्थना करथे।
हरेली परब म बिसेस लेख: खेती किसानी ले जुड़े तिहार हरे हमर अक्ती परब
आज कल आधुनिक तरीका ले खेती होवत हवय. पहिली गोबर खातू के उपयोग जादा करय
हरेली परब हरे हरियाली उत्सव… धरती दाई हर करे पुकार, बिरवा जगाके करव सिंगार
हरेली के दिन गाँव के किसान भाई मन अपन खेती के औजार उपकरण के साफ -सफाई करके, पूजा-अर्चना करथें।
विशेष लेख : हरेली तिहार से खेती-किसानी के साथ-साथ छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की होगी शुरूआत
आलेख – धनंजय राठौर, छगन लोन्हारे
नवा पीढ़ी बर प्रेरक व्यक्तित्व सुशील भोले
सुशील जी के बिहाव श्रीमती बसंती देवी वर्मा से होइस जेकर से तीन बिटिया रत्न नेहा, वंदना, ममता के रूप मा मिलिस। तीनों बिटिया के शादी करके एक तरह से गंगा नहा डरे हे।
छत्तीसगढ़ी साहित्य के पुरोधा सुशील भोले.. 2 जुलाई जनम दिन म बिसेस
सुशील कुमार वर्मा “भोले“ जी के जनम ०२ जुलाई सन १९६१ म शुभ लगन के पावन बेरा म भाठापारा शहर थाना-धरसीवां,जिला-रायपुर म होए रिहिस।
आलेखः ढेरा, खुमरी, तुमड़ी… काबर नंदावत हे हमर पुरखौती जिनिस
हमर आवश्यकता के जो पारम्परिक उपकरण हे ओहर नदावत जावत हे, जेला हमन ल सहेज के रखे के प्रयास करना चाहिए। जेहर हमर पुरखा के धरोहर आय।
आज जयंती मा विशेषः अमर गीतकर अउ गायक – लक्ष्मण मस्तुरिया
On the birthday of Laxman Masturia, the great poet of Chhattisgarh