सुरताः मस्तुरिहा के फटफटी म चटपटी गोठ.. लक्ष्मण मस्तुरिहा के जन्म दिवस 7 जून म बिसेस
ए बात ल छत्तीसगढ़ के नामी नाट्ककार प्रेम साईमन जी हर तको लिखे हावय कि- अब ईनाम अउ मान पाय खातीर मनखे के दिमाग ल कोलीहा कस अउ मुंहु ल सुरा कस होना चाही।
छत्तीसगढ़ अउ संत कबीर.. कबीर जयंती म ओमप्रकाश साहू “अंकुर” के विशेष लेख
भारत के संस्कृति अउ सभ्यता ल नंगत नुकसान पहुंचाइस. हजारों मंदिर तोड़ दे गिस. समृद्ध सभ्यता ल तोड़ के तहस -नहस कर दे गिस
छत्तीसगढ़ के लोक जीवन म संत कबीरदास.. जयंती म अजय अमृतांशु (भाटापारा) के विशेष लेख
छत्तीसगढ़िया मनखे के नस नस म कबीर समाय हवय कइहँव त ये बात अतिशंयोक्ति नइ होही।
जस गायन के मयारुक प्रतिभा अनुसुइया साहू
मोला अपन साधना काल के शुरूआती दौर म अनुसुइया साहू के जस गायन के गजब आनंद मिलत रहे हे. आगू जब वोकर गाये जस गीत मन आकाशवाणी अउ दूरदर्शन के संगे-संग आडियो कैसेट मन म आइस त फेर घर बइठे घलो उंकर गायकी के सेवाद ले बर मिल जावत रिहिसे.
गरमी मा चिरई-चिरगुन बर पानी… नान्हे जीव बर करव ए जतन
अब गरमी ह दिनों दिन नंगत के बाढ़त हे। अइसन बेरा म नदी, नरवा, तरिया अउ कई ठन पानी के नान्हें-नान्हें सरोत मन घलो ठकठक ले सूखा हो जथे। कतको जीव-जंतु, गाय-गरवा, चिरई-चिरगुन संग सबे जीव मन ल पानी बर अब्बड़ कसट करे ल पड़थे।
मनखे संग होगे पंछी-परेवा के यारी, ”मया-दया ला धरे रहिबे संगवारी”
छत्तीसगढ़िया लोगन मन अक्सर ये बात कहिथें। ”मया-दया ला धरे रहिबे संगवारी” …. ये “दया-मया” का ए? अउ “धरे रहिबे” के का मतलब होथे? एकर चर्चा हमन बाद म करबो, पहिली ये बतावन कि मनखे संग परेवा के यारी होगे हे, अइसे यारी कि परेवा हा ओकर संग नई छोड़य, जिहां जाथे ओकर खांद म […]
घोर अंधियारी रात, घनघोर बरसा होवत राहय, नदिया उर्रा-पुर्रा अउ लइका ल धर के पार होना राहय
(जय-जोहार)। भादो के महीना, अंधियारी पाख, आठे के तिथि, घुप अंधियारी रात राहय, बादर गरजत राहय, बिजली चमकत राहय अउ घनघोर बरसा होवत राहय। रोहणी नक्षत्र म मथुरा के कारागार म वसुदेव के पत्नी देवकी के गरभ ले भगवान किसन-कन्हैया हा जनम लिन। अधर्म, अन्याय, अत्याचार के नास करे बर, धर्म अउ न्याय के स्थापना […]
ओ कोन छत्तीसगढ़िया आय जेकर अमर गीत मन ला मिलिस मोहम्मद रफी के आवाज, पढ़व ये खास आलेख… ‘का-का नई रिहिन हरि ठाकुर?’
का-का नई रिहिन हरि ठाकुर?… मनखे एक, फेर करम अनेक। स्वर्गीय हरि ठाकुर बर ये बात बिल्कुल सटीक बइठथे। सोचत हंव -ओकर जयंती म हमन ओमन ला कोन रूप म सुरता करन। का-का नई रिहिन ओमन? एक आदमी हा अपन जिनगी म कतको किसम ले जूझत-परत के-के रूप म देस अउ समाज के सेवा कर […]