साइबर सेल के आड़ म मनमानी अब नई चलय, विवादित अफसर मन के बनत हे सूची
रायपुर | प्रदेस म क्राइम ब्रांच भंग कर दे गे हे, लेकिन सूचना हे कि साइबर सेल के आड़ म एला चलाए जावत हे। साइबर क्राइम के नाम ले वसूली के सिकायत मन के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी हा साइबर सेल ल अवैध करार दिए हें अउ केहें हें कि ये सारबर सेल हा जेन मामला मन के जांच करही, वहू हा गैरकानूनी होही।
डीजीपी हा चिट्ठी लिखके सबो पुलिस अधीक्षक मन ला चेतावनी दिए हें कि कहूं अब ओमन कोनो विंग गठित करहीं त आदेस के अवहेलना माने जाही।
बता देंन कि डीजीपी हा 6 महीना पहिली पूरा प्रदेस म क्राइम ब्रांच ला भंग कर दे हें। डीजीपी दफ्तर ला सूचना मिले रिहिस कि कई जिला म पुलिस अधीक्षक मन साइबर सेल के नाम म क्राइम ब्रांच जइसे ही विंग तैयार कर ले हें।
सूदखोरी, ऑन लाइन ठगी अउ लूट के वारदात मन म तकनीकी जांच के संगे-संग क्राइम ब्रांच के जइसे टीम भेजके पड़ताल करवाए जावत हे। सेल के माध्यम ले वसूली के भी सिकायत आवत हें। सेल के टीम हा जुआ सट्टा अउ सेक्स रैकेट पकड़े बर घलो छापा मारत हे।
डीजीपी अवस्थी ले एकर सिकायत होय रिहिस। इही आधार म साइबर सेल के नाम म चलत क्राइम ब्रांच ला अवैध करार दीन हें। डीजीपी हा क्राइम इन्वेस्टिगेशन के नाम ले कोनो प्रकार ले विंग या साखा के गठन करे ले भी मना कर दे हें अउ केहें हें कि अइसने म ही पुलिस के छवि सुधरही।
डीजीपी हा निर्देस दे हें कि राज्य के कोनो भी जिला म बड़े वारदात या ब्लाइंड केस के जांच बर पुलिस अधीक्षक मन बिसेस टीम गठित कर सकथें। जेमा ओमन कोनो भी अफसर के जिम्मेदारी तय करे बर स्वतंत्र हें, लेकिन ये बिसेस दस्ता हा केवल एके ठन केस, जेबर बर ओकर गठन करे गे हे, ओकरे जांच कर सकही।
खबर मिले हे कि विवादित अफसर मन के सूची घलो बनत हे। स्पेसल टीम के नाम ले पइसा के लेन-देन के मामला मन म जेन अफसर मन के नाम बहुत चर्चा म हें वो अफसर मन के सिकायत सीधा सीएम हाउस म करे के भी हल्ला हे। बताए जाथे कि अइसे अफसर मन के सूची बन गे हे। तबादला म ओमन ला साइड लाइन या नक्सल क्षेत्र म भेजे जाए के अंदेसा हे।