जशपुरनगर। कुछ साल पहले पहाड़ी कोरवा पुनियारी बाई के पास न कोई घर था और ही कोई नियमित ठिकाना। किसी तरह से कच्चा मकान बनाकर रह रही पुनियारी बाई ने कभी सोचा ही नहीं था कि एक दिन उनका घर भी पक्का बन जायेगा। पाठ इलाके में रहने वाली पुनियारी बाई प्रधानमंत्री आवास मिलने से खुश है, पहले बारिश के दिनों में झोपड़ी की छत से पानी टपकने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब पक्के आवास में रहने से उनकी कई समस्याएं दूर हो गई है।
जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम हर्रापाठ में रहने वाली पहाड़ी कोरवा श्रीमती पुनियारी बाई ने बताया कि वे पहले टूटी-फूटी झोपडी में रहते थे। पति के जीवित रहते पक्का मकान तो उनके लिए एक सपना सा ही था। कही से कोई ऐसी आमदनी ही नहीं थी कि वे अपनी झोपड़ी को पक्का बना सके। उन्होंने बताया कि पति के मौत के पश्चात जीवनयापन बहुत कठिन हो गया है। उनके पांच बच्चे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने के पश्चात पक्का मकान बन जाने से उनकी घर की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है। पहाड़ी कोरवा पुनियारी बाई का कहना है कि पक्के मकान की बार-बार मरम्मत की नौबत नहीं आएगी, बारिश के दिनों में भी छत से पानी गिरने की समस्या दूर हो गई है। बेवा पुनियारी बाई ने प्रधानमंत्री आवास योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह मकान गरीबों के लिए सिर्फ एक छत ही नहीं है, आने वाले कल का बेहतर भविष्य भी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में 18 लाख पीएम आवास की स्वीकृति व निर्माण को गति देने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद भी दिया।
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