श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम कोसमनारा में दर्शन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णु देव ने श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर वित्त मंत्री […]
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से की मुलाकात
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय आज बालोद और रायगढ़ जिले के दौरे से लौटने के बाद हेलीपैड से सीधे शंकरनगर स्थित विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंचे। गौरतलब है कि 22 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हो […]
पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के लिए समिति का गठन, समिति 30 दिनों के भीतर करेगी प्रतिवेदन प्रस्तुति
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा पंचायत सचिव दिवस के अवसर पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में पंचायत सचिव संघ के शासकीयकरण की मांग पर घोषणा किया था कि इसके कियान्वयन के लिए समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पंचायत सचिवों की शासकीयकरण की मांग एवं इसके […]
मलेरिया व डायरिया पीड़ित मरीजों को देखने सिम्स और जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर
बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने आज सिम्स और जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछा। उनका अच्छे से देखरेख और इलाज करने के निर्देश डॉक्टरों को दिए। उन्होंने यहां मलेरिया और डायरिया के मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश […]
तरिया नंदावत हे
विजय मिश्रा ‘अमित’, पूर्व अति.महाप्रबंधक (जन), रायपुर नवां जमाना के रंग म पूरा दुनिया ह घेंच के आवत ले बुड़े हावय। घर ह अब खाली घर नई रहिगे, बल्कि इहां बाहिर बट्टा अउ नहाय धोय के ठिकाना तको बनगे हांवय। पहिली जमाना म बड़े फजर मनखे मन हर तरिया कोती जांवय। अब तो आज के लइका मन हर तरिया काए तेला नई जानय। ए बात हर अइसे उजागर होईस। गरमी के छुट्टी होगे रहिस। ते पाए के फुरसतिहा लईका ल घरे म बने नहानी खोली म लगर लगर के नहवात रहेवं। तभे ओला बतायवं कि हमन हर बालपन म तरिया म डुबक डुबक के नहावन। त ओ हर ऑखी फारत पूछिस – ‘तरिया क्या होता है पापाजी..? ओखर सवाल ल सुन के मेहर बक खा गेवं। फेर सोचेवं कि गलती हमरे आय। काबर की हमन ह लइका मन ल रीति रिवाज संस्कृति अउ गांव गवंई ले दूरिहा राखे हांवन। अपन गलती ल सुधारे खातिर लइका ल ‘बूढा तालाब’ल देखाय बर लेगेंव। ओ तरिया ल देखथे साथ लईका हर नाक भौं सिकोड़त अपन नाक ल चपक के बोलिस ‘छी.. छी.. छी..। इतनी गंदी जगह में आप नहाथे थे..? आपको स्कीन डिसीज नहीं होती थी क्या पापा जी..? मोर लइका के भाव ल देखके बिचारा तरिया ह रो डारिस ओ हर बोलिस- बेटा पहिली के तरिया अउ आज के तरिया म बहुत फरक आ गे हे। अब के तरिया म पानी कम कचरा, कूटा अउ कागज पन्नी जादा बज बजावत दिखथे। फेर एक जमाना म तरिया हर पिए के पानी के तको अधार रहिस। ओखर बात ल सुनके मोर बेटा ओह नो नो कहत पीछु कोति खसके लागिस। तब ओखर खांध म हाथ राख के ओला तरिया तीर म बइठारत बोलेवं – हां बेटा। तरिया के बात हर सही आए। मोला सुरता हे आज ले साठ बछर पाछु के बात आए जब रायगढ़ जिला के जतरी गॉव के इस्कूल में मेंहर पढ़त रहेवं। तब प्यास बुझाए बर तरिया के भीतरी माड़ी भर गहिला म घुसर के तरिया पानी म मुंह ला दंता के गाय बछरू कस पानी ला गटागट पी देत रहेन। मोर बात ल सुनके तरिया के पानी ह खुस होगे। हिलोर मारत तरिया ह मोला बोलिस- अब के नवां पीढ़ी के लइका मन ह तो अइसन गोठ ला सुन के आप ल ‘आदिमानव’अउ नहीं त जनावर कही दीही। बंद बोतल के पानी पिवईया नवा जमाना के लईका उज्जर तरिया के पानी के सवाद ला का समझ पाही। तरिया संग गोठबात ल आघू बढ़ावत अपन लइका ल बताएं – जनमन के जरूरत के मुताबिक पानी के पूरती करोइया साधन अकेला तरिया हर रहय। असाढ़ म बरसे पानी ला जमा राखे के अइसन परंपरागत साधन तरिया ह ‘‘ग्राउन्ड वॉटर लेबल रीचार्ज’के तको उत्तम उपाय रहिस। सब्बो जीव जन्तु के प्यास बुझोइया ए जलागार हर ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्ब’के मरम ला तको बतावय। पहिली हरेक गॉव शहर म कम से कम एक ठिन तो बड़े भारी तरिया जरूर रहाय। जिहां कमल, कुमुदनी फूले रहाय अउ तरिया के पार म आमा, बर-पीपर, लीम के हरियर हरियर रूख म तोता-मैना, पंड़की कस रंग बिरंगी चिरइ चिरगुन मन के कलरव ल सुन सुन मन ह गदगद हो जावत रहिस। तरिया के पार म देवालय रहय, जिहां तीज तिहार म बड़े बड़े मेला लगय। ‘हां साहब जी’ कहत पीरा म बूड़े तरिया ह लम्बा सांस छोंड़ के बोलिस- अब तो दसा एकदम उल्टा हो गे हावय। साफ, सुंदर तरिया देखना सपना होगे हे। तरिया मा कमल के जगह जलकुंभी अऊ बदख के जगह कुकुर, सुरा अउ बइला भईंसा के राज होगे हे। ए हर बड़ा चिंता के बात आय कि जिनगी के अधार तरिया के पीरा हरोईया कोनो नइ दिखथ हावय। अपन पुरखा के देहे अइसन सुंदर जिनीस ला खतम करके मनखे अपने हाथ अपन जिनगी ला उजारत हावएं। तरिया ला पाट के बड़े बड़े बिल्डिंग बनोइया मनखे ‘जल हे त कल हे’बात ला भूलावत जात हें। अतका कहत कहत तरिया पीरा म बूड़े कुछू बोले नी सकीस। तब ओखर पीरा ल समझत अपन लइका ल बताएं कि अब तो तरिया म शहर भर के नाली के पानी भरावत दिखत हे। कई किसिम के रसायनिक जिनीस म बने देवी देवता के मूरती ला तरिया मा सरोवत हावएं। इही पाय के तरिया के पानी ह सरके गंधावत हे। बिकास के आड़ मा अंधरा दउड़ के होड़ माते हे। ओहू हर बिचारा तरिया बर मुड़ पीरवा बन गे हावए। नदांवत, कमतीयावत तरिया के सेथी अब गांव शहर म गरमी बाढ़त हे, जलस्तर ह गिरत हावय। अउ तरिया बिचारा जइसे तइसे अपन जिनगी ला बंचावत आखरी सांस गिनत हावए। हमर बात ल सुन समझ के मोर बेटा पूछिस- पापा जी तो फिर तालाबों को बनवाने, देख रेख करने का काम कोन करता था..? अब कोई क्यों नहीं करता..? बेटा के मन म तरिया बर जागे अइसन सवाल ल सुनके तरिया ल थोरिक बने लागिस ओह फेर हिलोर मारत बोलिस- बने सवाल पूछे हस बाबू। सुन, पहिली जमाना म लोगन अपन तन मन धन लगा के तरिया बनवाएं। ओला गहीला करे बर, ओखर सफाई बर एकजुट रहएं। फेर अब के मनखे तो सरकार कोती मुंह ताकत रहिथें। तरिया ल संवारे बर पक्का घाट अउ ओखर चारों मुड़ा लोहा के रेलिंग कहुं कोनो सरकारी पईसा म बन लग जाथे त मुरूख मनखे मन ह ओला काट के ले जाथें। एहर गुनोईया मन बर बड़ फिकर के बात आए। तरिया के बात ल आघू बढ़ावत मेंह बोलेवं- अइसनेहे फिकर करोइया बड़े बड़े समाजिक अउ धार्मिक संगठन कतको गांव शहर मा हावयं। अउ तरिया के महत्तम ह पितरपाख म आजो दिखथे। मरनी हरनी म तको तरिया पार म पूजा पाठ अउ संसकार करोइया मनखे के कमी नइहे। अइसनेहे धरम करम करोइया मनखे एक हो जाएं अउ तरिया के पीरा ला हर लेवयं त तरिया के बिगड़त दसा ह सुधर जाही। एमन के जागे के बेरा आगे हावय। खुसी के बात आए कि कोनो कोना जगह मा तरिया के पीरा हरे के काम लोगन मिल जुल के करत हावयं। अइसन मन ला जय जोहार कहत अपन बात ल खतम करत उठे लागें त मोर बेटा ह तरिया के पानी म हाथ सहलावत बोलिस- पापा जी अब तो तालाब की आब को बचाना ही है। […]
भारत के नियाग्रा फॉल कहलाथे चित्रकोट
जानव का हे एखर खासियत अऊ कब करना चाही ट्रिप प्लान सतीश साहू, जगदलपुर छत्तीसगढ़ के सुरम्य बस्तर जिला म स्थित चित्रकोट जलप्रपात एक अईसे प्राकृतिक आश्चर्य आए जेखर बर एशिया के सबले चौड़ा झरना होए के तमगा लगाए जाथे। मानसून के बेरा म चित्रकोट वॉटर फॉल के अनुभव एकदम नवा अऊ अलग होथे। जेन […]
मुख्यमंत्री साय 21 जुलाई को बालोद एवं रायगढ़ जिले के दौरे पर रहेंगे
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 21 जुलाई को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर बालोद जिले के जामड़ी पाटेश्वर आश्रम में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव, रायगढ़ जिले के ग्राम बनोरा में श्री गुरू दर्शनम् तथा कोसमनारा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री साय पुलिस परेड ग्राउण्ड रायपुर से हेलीकॉप्टर से सुबह […]
आयुष्मान कार्ड का गलत उपयोग करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई, 48 अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही , 11 अस्पतालों पर लगा जुर्माना
रायपुर। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आम जन के लिए एक अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत समस्त पात्र हितग्राहियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें प्रदाय की जा रही है। अपने आर्थिक लाभ की दृष्टि से कई अस्पताल नियमों की अवहेलना कर मरीजों के अधिकार (आयुष्मान कार्ड) का दुरूपयोग करते हुए शासन को गुमराह […]
माओवादी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं हमारे जवान : साय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने दिल्ली दौरे से लौटने के तुरंत बाद बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में घायल एसटीएफ के 4 जवानों को देखने रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव और विजय शर्मा भी साथ थे। मुख्यमंत्री साय ने घायल जवानों का […]
राजस्व संबंधित मामलों पर अब नहीं होगी कोई समस्या, मुख्यमंत्री की पहल पर पटवारियों की हड़ताल समाप्त,
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और राजस्व सचिव अविनाश चंपावत के साथ राजस्व पटवारी संघ के अध्यक्ष और पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक मेें संघ के सभी मुद्दों पर सौहाद्रपूर्ण चर्चा हुई। राजस्व मंत्री और राजस्व सचिव ने समस्त मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने के […]