जय जोहार…. (gariaband) नगर म आज हलषष्ठी के पर्व ल धूमधाम ले मनाये गिस।
ए अवसर म महिला मन ह व्रत रख के पूजा-अर्चना करिन।
(gariaband) नगर के संतोष पण्डित ह बताइस कि प्राचीन काल ले मान्यता चले आवत हे कि हलषष्ठी के व्रत भाद्रपद के कृष्ण पक्ष के षष्ठी तिथि ल सुहागिन महिला मन के तरफ ले करे जावत हे।
(gariaband) ए व्रत ह पुत्र प्रदान अउ संतान सुख-सौभाग्य ल बढ़ाय वाला हे। ए व्रत ल करे ले नि-संतान स्त्री ल घलो संतान के प्राप्ति होवत हे।
वो हा बताइस कि ए दिन हल ले जुती गे जमीन ले उत्पन्न वस्तु, गाय के दूध अउ ओखर ले बने सामग्री के त्याग ल करना चाहीये।
ए व्रत म फल अउ बिना हल चले अनाज आदि खाय के विधान हे। ए दिन ल कमरछठ के नाम ले घलो जाने जावत हे।
वो हा बताइस कि एक दिन भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय अउ नंदी के पूजा के विशेष महत्व हे।
हलषष्ठी व्रत बर भोजन पसहर चावल, भैंस के दूध, दही, घी, महुआ के सूखा फूल, सेंधा नमक, भोजन करे ल बर महुआ के पत्ता या ओखर ले बने दोना के उपयोग करे जावत हे।
हलषष्ठी पूजा के अवसर म शांति सदन, बजरंग चौक म संतोष पण्डित ह पूरा विधि-विधान ले कथा ल सुनइस अउ हलषष्ठी पूजा अउ आरती ल करइस।
ए अवसर म श्रीमती शांति देवी साहू, श्रीमती विद्या देवी साहू, श्रीमती पुष्पा साहू, श्रीमती संध्या साहू, श्रीमती पूजा साहू, श्रीमती हर्षिता साहू, श्रीमती रामेश्वरी सोनी ह हलषष्ठी (कमरछठ) के पूजा-अर्चना करिस अउ माता के आशीर्वाद प्राप्त कर के प्रसाद ग्रहण करिस।
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