
किसान मन कन्फ्यूजन म हे…..काहर उपर बिस्वास करन भाजपा या कांग्रेस
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव म जीत खातिर बीजेपी अउ कांग्रेस दूनों पार्टी जोर लगाए परे हे अउ चुनई प्रचार के बीच वादा करे म कोनो किसम ले कसर नइ छोडत हावय। इही बीच बिरस्पत के दिन कांग्रेसिया नेता मन गंगाजल के कसम खाके सत्ता म आए के सिरिफ 10 दिन के भीतर किसान मन के कर्जा माफ करे के दावा करिन। उँहे बीजेपी वाले मन दलील दीन के कांग्रेसिया मन भले गंगाजल लेके कसम खा लै फेर किसान उन्कर झांसा म नइ आवय। राज्य म कांग्रेस ह अपन पार्टी के घोषणापत्र म घलो ये बात के हवाला दिये हे के छत्तीसगढ़ म कहूं कांग्रेस के सरकार बनही त सबले पहिली किसान मन के कर्जा माफ होही। कांग्रेसिया मन के ये वादा ले किसान मन अबड़ गदगद हैं, फेर उन्मन ल भरोसा नइ होए पावत हे कि का सिरतोन म कांग्रेस पार्टी अपन वादा निभाही।
राजनीतिक दल मन के वादा ल लेकर किसान मन के अनुभव ओतेक अच्छा नइ हे ते पाय के वो मन कांग्रेसे भर के घोषणापत्र ल नहीं बल्कि अन्कर नेता मन के वादा ल तको सिरिफ छलावा समझत हावय। उँहेचे बीजेपी घलो किसान मन के करजा माफी के दावा करे हे। पार्टी के दलील हे कि मुख्यमंत्री रमन सिंह हँ किसान मन के कल्याण खातिर एक ले बढ़के एक अइसन योजना चलाईन हे जेकर ले किसान मन ल कर्जा लेके नौबते नइ परिस। पार्टी हँ यहू कहिस हे कि राज्य के रमन सिंह सरकार हँ हर बछर साढ़े तीन लाख ले ज्यादा किसान मन के कर्जा माफ करे हावयं।
ये सब ला सुन सुन के किसान मन कन्फ्यूजन म हे के बीजेपी के वादा म यकीन करन के कांग्रेस के। असल, म इन किसान मन के साथ बीजेपी घलो पाछू विधानसभा चुनाव में वादा करे रिहीन हे कि वो धान के समर्थन मूल्य 21 सौ रुपिया प्रति कोंटल तक बढ़ोतरी करही. संगे संग 300 रुपिया प्रति कोंटल के हिसाब ले बोनस तकों देही। अतके भर नहीं बीजेपी हँ तो येहू वादा करे रहिसे कि किसान के फसल के दाना दाना ल लिए जाही। फेर पार्टी सत्ता म आईस ताहेन धान के समर्थन मूल्य म भइगे 300 रुपिया भर के बढ़ोतरी होइस हे। धान के समर्थन मूल्य 1450 रुपिया ले बाढ़के 1750 रुपिया होइस फेर वादा के मुंताबिक 2100 रुपिया नइ होइस।
हालांकि मुख्यमंत्री रमन सिंह हँ बीजेपी के वादा के मुताबिक पूरा पांच साल तक बोनस देय के बजाए सिरिफ 3 साल तक का ले बोनस दिस अउ तो अउ किसान मन के फसल के एक एक दाना ले के बजाए प्रति एकड़ सिरिफ 15 कोंटले धान ल किसान मन ले खरीदे गिस। अइसन म किसान कांग्रेस और बीजेपी दूनो दल ल संका नजर ले देखत हावय।
छत्तीसगढ़ म बहुत बड आबादी खेती किसानी ले जुडे हे। राज्य म अंदाजन 20 लाख रजिस्टर्ड किसान हावयं जबकि गैर रजिस्टर्ड किसान तकों 15 लाख ले जादा हे। किसान अउ उन्कर परिवार के वोट ल हथियाए खातिर कोई भी राजनैतिक दल पीछे नइ होवत हे। छोटे दल होय या बड़े दल, नेता राष्ट्रीय स्तर के होय या फेर स्थानीय के हर कोनो किसान मन ल लुभाए अउ मनाए म लगे हावय।